मैने कभी हवाई जहाज पर यात्रा नहीं की थी . कभी जरुरत ही नहीं पडी थी या खर्च का नाम सुन पीछे हो जाता था . पर इस बार जब होली के अवसर पर होम टाउन जाना हुआ तो रेल का टिकट नहीं हो पाया . बहुत घोड़े दौडाए और दलालो से बात चीत की पर टिकट कन्फर्म नहीं हो पाया . फिर मजबूरी मे हवाई यात्रा से घर(होम टाउन ) जाने का संयोग बना .
जब मैंने माधव को इस बारे मे बताया तो वो बहुत खुश और रोमांचित हुआ . हम एयर इंडिया की विमान संख्या को पकड़ने इंदिरा गांधी एयर पोर्ट पहुचे . एअरपोर्ट की रौनक देखते ही बनते थी . फाइव स्टार होटल के जैसा था दिल्ली एयर पोर्ट. चेक इन की फोर्मलिटी पूरी कर हम विमान मे दाखिल हुए . माधव विंडो की सीट पर बैठे . एयर होस्टेस ने आपातकाल मे क्या करना है ऐसा ही कुछ समझाया और फिर विमान उड़ गया .
दिल्ली वापसी भी हवाई यात्रा से ही हुई . पटना से गो एयर के एयर बस से .
पहली और दुसरी हवाई यात्रा की कुछ झलकिया :